दिखावटी नैतिकता का बंधन टूटे तो ही धार्मिकता की झलक मिल सकती है।
3.
वैसे भी ग्रीस में हमारे जैसी दिखावटी नैतिकता के लिए कोई जगह नहीं है।
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दिखावटी नैतिकता के लिए की गई आलोचना से उसका मकसद पूरा होने के बजाए, ज्यादा कमजोर हो जाता है.
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हालांकि उनकी अति दिखावटी नैतिकता में कुछ कर्कशता जरूर है, खासतौर से इसमें निहित संदेश में कि जो उनके साथ नहीं हैं वे किसी न किसी रूप में भ्रष्ट तंत्र के पक्ष में है।
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आखिर अन्ना और उनकी टीम पूरे विश्वास के साथ यह दावा कैसे कर सकती है कि लोकपाल बिल का प्रारूप ही सही है और कोई उसकी आलोचना नहीं कर सकता? अगर सरकार खुद को सही साबित करने के लिए लोकप्रिय जनादेश और संसद के सर्वोच्च अधिकार का आड़ ले रही है तो क्या अन्ना की टीम दिखावटी नैतिकता के आड़ में छुपने की दोषी नहीं है?
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हमें माफ़ कर देना सोनी सोरी, हमारा लोकतंत्र तुम्हारे लिए नहीं है, न संसद, न हमारी दिखावटी नैतिकता और धार्मिकता, ये सब हमारे लिए हैं! तुम आदिवासी हो, इसलिए तुम्हारे लिए है,पिटाई, खुरदुरी ज़मीन पर पशु की तरह घसीटे जाना, ज़िंदगी भर जेल में बैठकर,अपने तीन बच्चों को याद कर रोना, और फिर एक दिन चुपचाप एक गुमनाम मौत मर जाना!